आजमगढ़ में सांस की तकलीफ से परेशान युवती की मौत से हड़कंप, पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारी ने जलाए अपने कपड़े

आजमगढ़ में सांस की तकलीफ से परेशान युवती की मौत से हड़कंप, पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारी ने जलाए अपने कपड़े


आजमगढ़ में जहानागंज थाना क्षेत्र के एक गांव की युवती की मौत से हड़कंप की स्थिति है। उस युवती को सांस लेने में दिक्कत शुरू हुई तो घबराए पति, भाई व अन्य संबंधियों ने जीवित हालत में ही छोड़ दिया। लखनऊ में पीजीआई के बाहर हुई मौत के बाद सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम हुआ। यहां भी दहशत बरकरार रही। सहमे कर्मचारी ने अपने सभी कपड़े व अन्य उपयोग में लाई गई वस्तुओं को जला दिया। 


24 वर्षीय युवती का पति दिल्ली में एक प्राइवेट नौकरी करता है। होली पर वह घर आया था। उसकी पत्नी को पिछले दो वर्षो से सांस की तकलीफ थी। उसे धूल आदि से एलर्जी की समस्या थी। होली के दिन उसकी तबीयत थोड़ी खराब हो गई। उसके पति ने उसे शहर के एक अस्पताल में 12 मार्च को दिखाया। ठीक नहीं होने पर 13 को सिधारी के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। उसे छाती में संक्रमण व अस्थमा की शिकायत थी।


सांस लेने में उसे काफी दिक्कत होने के चलते चिकित्सकों ने उसे 14 की रात में बीएचयू रेफर कर दिया। 16 मार्च तक वह बीएचयू में रही। इसके बाद 16 को ही एक निजी नर्सिंग होम में  इलाज कराने के बाद लखनऊ के सहारा हास्पिटल में रेफर कर दी गई। पति के अनुसार 17 को सहारा अस्पताल ने उसे स्वाइन फ्लू या कोरोना वायरस की आशंका जताते हुए पीजीआइ रेफर कर दिया। वहां उसे बेड न खाली होने की बात कह कर लौटा दिया गया। इस बीच उसके भाई को छोड़ अन्य सभी परिजनों ने हमारा साथ छोड़ दिया। उसे केजीएमयू ले गए वहां चिकित्सकों ने रिपोर्ट व पूछताछ के बाद कहा इसे कोरोना वायरस नहीं है। इस बीच लौटते समय उसने दम तोड़ दिया। 


युवती के घर वालों ने शव को देखने के बाद पति पर आरोप लगाया कि इसने गला दबा कर हत्या करदी है। इसके बाद जहानागंज थाने में शुक्रवार को पूरे दिन पंचायत होती रही। बाद में दोनो पक्षों में समझौता कर लिया गया। पुलिस ने आरोप लगने पर रिस्क लेना ठीक नहीं समझा। इसलिए उसका पोस्टमार्टम सदर अस्पताल स्थित चीरघर में कराया गया। इस बीच स्वास्थ विभाग के अफसर ने चीरघर के कर्मचारी को पोस्टमार्टम में उपयोग में लाई गई सभी वस्तुओं को सैनेटाइज करने का निर्देश दिया तो उसके होश उड़ गए।  कर्मचारी सहम गया उसने अपने सारे कपड़े व अन्य उपकरण कैंपस में ही जला दिया। 


जहां युवती का इलाज चला उसे सीज किया
जहानागंज क्षेत्र के कोल्हूखोर मैं स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. धनंजय कुमार पांडे ने टीम गठित कर मृत युवती के मायके तथा ससुराल में दोनों जगह पहुंचकर दवा का छिड़काव कराया। इसके बाद सभी को कोरेंटाइन में रहने की हिदायत के साथ ही दोनों परिवारों को हिदायत दिया और समझाया कि आप लोग एक दूसरे से दूरी बनाकर रहिए किसी को आने जाने मत दीजिए। बहुत जरूरी आवश्यक कार्य हो तो फोन द्वारा करिए । इस तरह टीम दोनों परिवारों को मोटिवेट करते हुए साफ सफाई पर भी अपना निर्देश दिया। अधीक्षक धनंजय कुमार पांडे ने बताया कि मुस्तफाबाद में स्थित बंगाली डॉक्टर की क्लीनिक पर इनका इलाज हुआ था । वहां भी हम लोग पहुंचकर देखें और उस क्लीनिक को सीज कर दिया। टीम में डॉ. रामविलास चौहान फार्मासिस्ट दिनेश उपाध्याय लैब टेक्नीशियन वीरेंद्र मिश्रा रहें।